अवैध रूप से जीएसटी वसूल अपनी जेबें भर रहे थे व्यापारी, अधिकारियों ने पकड़ ली हेरा फेरी


ब्यूरो
Posted no : 22/12/2023
हरिद्वार।
जीएसटी के नाम पर अवैध रूप से बिल वसूल कर ग्राहकों और विभाग को चूना लगाने वाले व्यापारियों के खिलाफ राज्य कर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। सूचना पर पहुंचे विभागीय अधिकारियों ने हरिद्वार जिले के पांच रेस्टोरेंट पर भारी जुर्माना लगाते हुए फर्मों के दस्तावेज जप्त कर लिए। जबकि मौके पर करीब ढाई लाख रुपए जमा भी कराया गया है।
‘बिल लाओ इनाम पाओ’ से पकड़ी हेरा फेरी
दरअसल इन दिनों सरकार ने आम जनता को खरीदे गए सामान का बिल लेने को जागरूक करने के लिए ‘बिल लाओ इनाम पाओ’ योजना चला रखी है। जिसके तहत ग्राहक सामान खरीदने के बाद उसका बिल राज्य कर विभाग की मोबाइल ऐप पर अपलोड कर रहे हैं। हर महीने लकी ड्रा के जरिए कुछ खुशनसीब ग्राहकों को इनाम भी दिए जा रहे है। पिछले दिनों विभाग के अधिकारियों की संज्ञान में आया कि मोबाइल ऐप पर अपलोड किए गए कई फर्मों के बिलों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो चुका है और उनके द्वारा दाखिल रिटर्न में कोई खरीद बिक्री भी नहीं दिखाई जा रही है। प्रदेश भर में ऐसी 18 फर्म चिन्हित की गईं जिनमें पांच फर्म हरिद्वार की हैं। बाकी सभी फर्म भी होटल और रेस्टोरेंट श्रेणी की है।
एक करोड़ तक की होगी वसूली
राज्य कर विभाग के हरिद्वार संभाग की ज्वाइंट कमिश्नर डॉ सुनीता पांडे ने बताया कि सर्वे के बाद इन फार्मो के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। आकलन के बाद जुर्माने सहित इन पांच फार्मो से एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि जमा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘बिल लाओ इनाम पाओ’ योजना से आम लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लोग खरीदारी के बाद ज्यादा से ज्यादा विक्रेताओं से बिल मांग रहे हैं।
कैसे करें फर्जी बिल की पहचान
जाने माने होटल और रेस्टोरेंट द्वारा ग्राहकों को फर्जी बिल थमाए जाने के मामले से समझा जा सकता है कि ग्राहकों के साथ किस तरह से जीएसटी वसूली के नाम पर हेरा फेरी हो रही है। ऐसे में ग्राहकों को भी जागरूक रहने की जरूरत है। इसके लिए ग्राहक पेरिडॉट (peridot) नाम की मोबाइल एप डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप में बिल पर लिखे हुए GSTIN को डालकर फर्म की डिटेल पता की जा सकती है। अगर GSTIN एक्टिव नहीं है तो समझा जा सकता है कि फर्जी बिल दिया गया है।