कुंभ मेले की मीटिंग में भिड़ गए साधु, खूब चले लात घूंसे, जानिए क्या है माजरा

कुंभ मेले की मीटिंग में भिड़ गए साधु, खूब चले लात घूंसे, जानिए क्या है माजरा

ब्यूरो

Posted no : 07/11/2024

 

प्रयागराज।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दो गुटों में चल रहा टकराव प्रयागराज कुंभ मेले से पहले हाथापाई में बदल गया। बृहस्पतिवार को प्रयागराज में कुंभ मेले की तैयारी को लेकर मेला प्राधिकरण कार्यालय में होने वाली बैठक के दौरान संतों के दो गुटों में खूब लात घूंसे चले। बैठक में कुंभ मेले के लिए अखाड़े को भूमि आवंटन किए जाने को लेकर चर्चा की जानी थी, लेकिन उससे पहले ही अखाड़ा परिषद के एक गुट के संतो द्वारा सभी कुर्सियां घेर लिए जाने और दूसरे गुट के महामंत्री के पहुंचने पर नारेबाजी करने के बाद माहौल बदल गया और संतों के दोनों गुट भिड़ गए। हालांकि इस बीच मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों और कुछ संतों ने बीच बचाव कराया। संतो के बीच झगड़े का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें संत एक दूसरे पर लात घूंसो से हमला करते हुए नजर आ रहे हैं।

संतो के बीच वर्चस्व की जंग

आपको बता दे की 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत हो जाने के बाद से अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटी हुई है। जिसमें एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरी गिरी है। जबकि अखाड़ा परिषद के दूसरे गुट के अध्यक्ष का नाम भी महंत रविंद्र पुरी है जो महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव हैं इस गुट के महासचिव निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास है।

कुंभ मेले में अखाड़ा परिषद का महत्व

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था है। कुंभ मेले के आयोजनों में अखाड़ा परिषद साधु संतों के अखाड़े और मेला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर संतों के लिए सुविधा मुहैया कराने का काम करती है। बृहस्पतिवार को प्रयागराज के मेला प्राधिकरण कार्यालय में संतो को मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन किए जाने को लेकर बैठक होनी थी इस बीच संतों में लात घूंसे चल गए।

मेला प्रशासन के लिए दुविधा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटी हुई है ये मेला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भी एक बड़ी दुविधा बनी हुई है कि सरकार किस गुट को मान्यता दे। अखाड़ा परिषद के दोनों ही गुट पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है और खुद को असली साबित करने में जुटे हुए हैं।

ब्यूरो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *