उत्तराखंड के मूल निवासियों को अब नहीं होगी स्थाई निवास प्रमाण पत्र की जरूरत, सीएम के निर्देश के बाद आदेश हुआ जारी
ब्यूरो
Posted no : 21/12/2023
देहरादून।
उत्तराखंड के मूल निवासियों को अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। शिक्षण संस्थानों में दाखिले, सरकारी नौकरियों और अन्य सरकारी काम के लिए अब उत्तराखंड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों से स्थाई निवास प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सचिव सामान्य प्रशासन वीके सुमन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक कई प्रयोजनो के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों से स्थाई निवास प्रमाण पत्र मांगे जाने की शिकायतें सरकार को मिल रही थी। जिसका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेते हुए इसको स्पष्ट करने के लिए आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
क्या है मूल निवास और स्थाई निवास
“1950 में राष्ट्रपति की अधिसूचना की तारीख से जो व्यक्ति जिस राज्य का निवासी था, वह उस राज्य का मूल निवासी माना जाएगा। ऐसे ही नागरिकों को मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होगा। जबकि उत्तराखंड में इसको लेकर दोहरी व्यवस्था की गई है।
“ऐसे नागरिक जिनके पास राज्य में 15 वर्षों से स्थाई संपत्ति है, उन्हें स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। स्थाई निवास प्रमाण पत्र धारक मूल निवास वाली सभी सुविधाओं और सेवाओं के हकदार होंगे।