प्रवासी उत्तराखण्डियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान – मुख्यमंत्री

प्रवासी उत्तराखण्डियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान – मुख्यमंत्री

ब्यूरो

Posted no : 07/11/2024

 

देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन“ में सभी प्रवासी उत्तराखण्डियों का स्वागत किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड रजत जयंती वर्ष का लोगो भी जारी किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की माटी से जुड़े हुए प्रवासियों ने शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान उत्तराखण्ड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत भी इसी भूमि से थे। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों में अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में उन्हें देश के अनेक राज्यों में पर्वतीय समाज के लोगों से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने महसूस किया कि हमारे प्रवासियों के भीतर बसा उत्तराखण्ड सदैव उनके साथ रहता है। उन्होंने उत्तराखण्ड की भाषा, संस्कृति और संस्कारों को कभी नहीं छोड़ा। यह प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन सभी को उत्तराखण्ड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास है। यह ऐसा समागम है, जहां सभी प्रवासी भाई-बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों के साथ संवाद कर सकेंगे, बल्कि उन्हें विभिन्न राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखण्डी प्रवासियों से भी मिलने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां से निकलने वाला संदेश लाखों उत्तराखण्डी प्रवासियों तक पहुँचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डियों को प्रदेश की विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडिकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से अपील की कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनी-अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें। आपके सुझावों एवं कार्यों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर उन पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज होने वाले मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह अवश्य ही उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

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