रामपुर तिराहा कांड: गैंगरेप के दोषी पीएसी के दो जवानों को आजीवन कारावास
ब्यूरो
Posted no : 19/03/2024
मुजफ्फरनगर/ देहरादून
रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को 30 साल बाद इंसाफ मिला है। महिलाओं के साथ गैंगरेप करने वाले पीएसी के दो जवानों को जिला एवं सेशन कोर्ट ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पाए गए मिलन सिंह और वीरेंद्र प्रताप पर एक लाख रुपए अर्थ दंड भी लगाया गया है। ये धनराशि प्रतिकर के रूप में पीड़िता को दी जाएगी।
फैसला सुनाते वक्त जिला एवं सेशन कोर्ट जज शक्ति सिंह ने कहा कि अपराध करने वाले व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि उनके कंधों पर आमजन की हिफाजत की जिम्मेदारी थी। अगर पीएसी के जवान स्वयं ही दुष्कर्म जैसी घटना करते हैं तो यह पूरी व्यवस्था के लिए पीड़ा दायक है। इसलिए दोषी सहानुभूति के पत्र भी नहीं है।
रामपुर चौराहा कांड पर कोर्ट का फैसला आने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। 30 सालों से पीड़ित न्याय की आस लगाए बैठे थे। कोर्ट के फैसले से पीड़ितों को राहत मिली है।
देश को झकझोर देने वाली थी घटना
2 अक्टूबर 1994 को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के आंदोलनकारी दिल्ली प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे। मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका। इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प हुई। जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई जबकि पुलिसकर्मियों ने कई आंदोलनकारी महिलाओं के साथ गैंगरेप भी किया गया। रामपुर तिराहा कांड की जांच सीबीआई कर रही थी।