हरिद्वार शारदीय नवरात्रों में मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब आज सुबह से मॉ मनसा देवी पर पूजा एवं दर्शनों के लिए लगा है भक्तों का ताता,,,,,,

ब्यूरो

Posted no : 15/10/2023

हरिद्वार शारदीय नवरात्रों में मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब आज सुबह से मॉ मनसा देवी पर पूजा एवं दर्शनों के लिए लगा है भक्तों का ताता,,,,,,

हरिद्वार – धर्मानगर हरिद्वार में आज सुबह से माता रानी के मंदिरों में लगा भक्तों का ताता अश्विन शुक्ल पक्ष के शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो चुके हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होंगे और दशहरे के साथ 24 अक्टूबर को इसका समापन होगा। इसे शक्ति प्राप्त करने की नवरात्रि भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की जा रही है। घरों में पूजा अर्चना के साथ ही मंदिरों में माता की प्रतिमा का श्रृंगार किया जा रहा है श्रद्धालुओं ने घरों पर मां भगवती की चौकी लगाकर कलश स्थापना की। फूलों व लड़ियों से सजे मंदिरों में भी भक्तों ने जाकर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। दुर्गा सप्तशती व दुर्गा चालीसा के पाठ किए गए। शाम को भजन कीर्तन होंगे।

सुबह से मंदिरों में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

आज नवरात्रि के पहले दिन पूरे देश के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार के मंदिरों में भी मां शैलपुत्री की उपासना चल रही है। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी उमड़ रही है। मां मनसा देवी मंदिर में सुबह से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए। इस दौरान मंदिर परिसर माता के जयकारों से गुंजायमान रहा। हर साल नवरात्रि में मां मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं।

मां मनसा देवी मंदिर में लगा भक्तों का तांता

हरिद्वार का मां मनसा देवी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं, जो सिद्ध पीठ भी है। यहा मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु मां मनसा की सच्चे मन से उपासना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है। मां मनसा के मंदिर का वर्णन पुराणों में मिलता है। नवरात्रि के पहले दिन मां मनसा देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए। इस दौरान मां के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया।

मां ने महिषासुर का किया था वध

पुराणों में कहा गया है कि मां मनसा देवी महर्षि कश्यप की मानस पुत्री थी। एक बार महिषासुर नाम के राक्षस का अत्याचार देव लोक के साथ ही पृथ्वी पर भी बढ़ गया। उसके अत्याचारों से पूरे देवलोक में हाहाकार मचा हुआ था। सभी देवता महिषासुर के अत्याचारों से परेशान हो उठे थे। उससे बचने का कोई रास्ता उन्हें नहीं दिखाई दे रहा था। तब देवताओं ने मां भगवती की स्तुति की। मां भगवती दुर्गा ने रूप बदल कर महिषासुर का वध किया और पृथ्वी लोक के साथ ही देवताओं को महिषासुर से मुक्ति दिलाई। महिषासुर का वध करने के बाद मां भगवती ने इसी स्थान पर आकर विश्राम किया था और फिर से अपने स्त्री रूप में आई थी। मां दुर्गा ने महिषासुर से मुक्ति दिलाकर देवताओं के मन की इच्छा पूरी की थी। इसलिए मां मनसा देवी कहलाई, तभी से यहां पर उन्हें पूजा जाता है।

ब्यूरो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *