एल्यूमिनी मीट में जुटे गुरुकुल आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व स्नातक, पुरानी यादें की ताजा
ब्यूरो
Posted no : 13/11/2024
हरिद्वार।
10 नवंबर को गुरुकुल आयुर्वेद एल्युमिनी एसोसिएशन के सम्मिलन कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें देश- प्रदेश से गुरुकुल के पूर्व स्नातकों, चिकित्सक -शिक्षको ने 200 से अधिक की संख्या में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और भगवान धनवंतरि वंदना के साथ प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के संरक्षक वयोवृद्ध वर्ष 1955 के स्नातक डॉ राजेंद्र अग्रवाल ने की।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर अरुण त्रिपाठी कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविख्यात, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सुनील जोशी प्रख्यात मर्म चिकित्सक एवं पूर्व कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, संरक्षक डॉ नरेंद्रपाल सिंह, नांदेड़ महाराष्ट्र से आये गुरुकुल के वरिष्ठ स्नातक डॉ गोविंद जोशी और डॉ वीरपाल निर्वाल जिला पंचायत अध्यक्ष मुजफ्फरनगर उपस्थित रहे।
गुरुकुल आयुर्वेद स्नातक परिषद के अध्यक्ष डॉ यतेन्द्र सिंह मलिक ने परिषद के उद्देश्य और पिछले वर्षों में संस्था हित और छात्रों के हित प्रोत्साहन के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया। कई स्नातकों द्वारा विभिन्न विषयों में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र- छात्रा को प्रोत्साहन पुरूस्कार स्वरूप रू 5000/ एवं प्रमाणपत्र दिया जाता है। संस्था के संग्रहालय और चरक प्रेक्षागृह के जीर्णोद्धार आदि कार्य कराए गए इसके अतिरिक्त विगत वर्ष संस्था के शताब्दी वर्ष के अवसर पर परिसर में आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धनवन्तरि मंदिर के निर्माण में स्नातकों द्वारा अर्थिक सहयोग किया और शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में परिसर के शताब्दी द्वार का शिलान्यास और मंदिर का लोकार्पण महामहिम राज्यपाल द्वारा किया गया।
स्नातकों के अर्थिक सहयोग से होने वाले शताब्दी द्वार निर्माण की प्रक्रिया विश्विद्यालय स्तर से सम्पन्न होनी है लेकिन निर्माण प्रक्रिया की धीमी गति होने पर अध्यक्ष डॉ मलिक द्वारा माननीय कुलपति जी को निवेदन किया कि मान्यवर यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि आप एक गुरुकुलियन हैं और इस नाते शताब्दी द्वार के निर्माण में आप व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर इसे यथाशीघ्र पूर्ण कराने का नैतिक जिम्मेदारी आपकी बनती है। हम आशा करते हैं कि अगले अल्युमनी मीट से पूर्व शताब्दी द्वार का उद्घाटन अवश्य हो जाना चाहिए।
डॉ0 मलिक ने सभी गुरुकुलियन से अपील की कि अपनी मातृसंस्था के प्रति अपनी जिम्मेदारी और सम्मान की भावना रखते हुए अपनी सामर्थ्य अनुसार अर्थिक रूप में एवं अन्य विकासशील गतिविधियों में अपना योगदान अवश्य करें। कार्यक्रम में ऐसे वरिष्ठ स्नातक जिन्होंने अपने स्नातक होने के 50 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं, को स्वर्ण जयंती सम्मान करते हुए गोल्ड मेडल एवं जिन स्नातकों के 25 वर्ष पूर्ण हुए हैं उनको रजत जयंती सम्मान करते हुए रजत मेडल अतिथियों एवं गुरुजनों द्वारा प्रदान किया गया! निश्चित ही स्नातकों के लिए यह भावुकता और रोमांचित पूर्ण पल रहे।