खटीमा पहुंचे मुख्यमंत्री, गौरव सैनिक सम्मान समारोह में की शिरकत

खटीमा पहुंचे मुख्यमंत्री, गौरव सैनिक सम्मान समारोह में की शिरकत

ब्यूरो

Posted no : 09/04/2025

 

खटीमा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को खटीमा स्थित तराई बीज विकास निगम के मैदान में सेवा संकल्प धारिणी फाउंडेशन द्वारा स्व. सूबेदार शेर सिंह धामी की पाँचवी पुण्यतिथि पर आयोजित “गौरव सैनिक सम्मान समारोह” में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणाएं भी की। जिसमें पूर्व सैनिक वीरांगनाओं एवं पुत्री को ड्रोन दीदी के रूप में रोजगार परख ड्रोन का प्रशिक्षण देना शामिल है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि 60 वर्ष से अधिक बुजुर्ग और पूर्व सैनिक और उनकी पत्नियों, सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर नारियों को निशुल्क बद्री धाम की यात्रा कराई जाएगी। परमवीर चक्र विजेताओं को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा ₹1.50 करोड़ की सम्मान राशि दी जाएगी। खटीमा में मोहम्मदपुर भुड़िया का नाम शहीद राणा वीरेंद्र नगर के नाम किया जाएगा। नानकमत्ता स्थित मोहम्मद गंज का नाम गुरु गोविंद सिंह नगर के नाम किया जाएगा।

इसके साथ ही ग्राम सभा नगला के नानक सिंह के घर से ग्रोवर फार्म, बेगराज सिंह से बासुदेव आदि के घर की ओर तक हॉट मिक्स सड़क का निर्माण किया जाएगा। ग्राम प्रतापपुर में खाद गोदाम से तलवार फार्म होते हुए वकील फार्म तक हॉट सड़क का निर्माण किया जाएगा। पुरनापुर मेन रोड से जोगी ठेर तक हॉटमिक्स सड़क का निर्माण किया जाएगा। ग्राम पंचायत बरी अंजनिया रेलवे लाइन पास से भुड़रिया तक हॉटमिक्स का निर्माण कार्य किया जाएगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि पांच वर्ष पूर्व आज का दिन मेरे जीवन का सबसे कष्टप्रद और दुःखद दिन रहा, जब मैंने अपने प्रेरणास्रोत पूज्य पिताजी को खो दिया। मैं, जब पूज्य पिताजी को याद करता हूँ, तो आंखें नम हो जाती हैं, लेकिन गर्व भी होता है कि उन्होंने जीवन के जिन मूल्यों की मुझे शिक्षा दी, उन्हीं मूल्यों के सहारे आज मैं, जनसेवा की राह पर चल पा रहा हूँ। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी के विचार, उनके सिद्धांत और उनका संघर्षमय जीवन आज भी हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन करता है। पूज्य पिताजी ने अपना संपूर्ण जीवन बड़ी ही सादगी के साथ जिया, परंतु अपने दृढ़ व्यक्तित्व और सेवा भावना द्वारा हमेशा समाज के लिए कार्य किया।

सीएम ने कहा कि उनके पिताजी ने सेना से रिटायरमेंट के बाद क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार प्रचार हेतु एक प्राइमरी स्कूल की स्थापना की जहां गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती थी। वे हमेशा कहते थे “बेटा, देश सेवा केवल वर्दी पहनकर ही नहीं होती, बल्कि प्रत्येक क्षण अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना भी एक प्रकार की देश सेवा ही है। उन्होंने कहा कि पिताजी के इन्हीं शब्दों ने मुझे राजनीति में कदम रखने से पहले ही ये बात सिखा दी थी कि राजनीति कोई बड़ा पद पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जनभावनाओं को समझकर उनके दुःख-दर्द में सहभागी बनने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए स्वयं को पूरी तरह से समर्पित कर देने का नाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं, सेना में तो नहीं हूं परंतु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते, आज मुझे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर अत्यंत हर्ष का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना को प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आज भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि विभिन्न देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करने में भी नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

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