बाबरी मस्जिद विध्वंस के नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया गया शौर्य दिवस


ब्यूरो
Posted no : 06/12/2023
हरिद्वार।
साल 1992 में 6 दिसंबर को किए गए बाबरी विध्वंस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज धर्मनगरी हरिद्वार में साधु संतों ने भी शौर्य दिवस मनाया। हरिद्वार के गौरीशंकर गौशाला आश्रम में कार्यक्रम आयोजित कर राम मंदिर निर्माण की लड़ाई में जान गंवाने वाले साधु संतो और कार सेवकों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और परमार्थ निकेतन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि समेत बड़ी संख्या में साधु संत मौजूद रहे। इस दौरान साधु संतो ने कहा कि शौर्य और पराक्रम से सनातन संस्कृति का उत्थान होता है इसलिए अपनी संस्कृति के लिए मरने मिटने वालों को याद करना बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए पहली मीटिंग धर्मनगरी हरिद्वार में हुई थी और उसके बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस में कुछ साधु संतों की जान भी गई थी। इसलिए आज शौर्य दिवस मना कर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है यह एक अच्छा प्रयास है।
वहीं पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि अपनी संस्कृति के उत्थान के लिए हमें उन लोगों के शौर्य और पराक्रम का स्मरण करना चाहिए जिन लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।