पतंजलि योगपीठ में “छत्रपति शिवाजी महाराज कथा’’ शुरू
ब्यूरो
Posted no : 10/04/2024
हरिद्वार।
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत पर पतंजलि योगपीठ में हिन्दवी स्वराज के नेता छत्रपति शिवाजी महाराज की यशोगाथा पर आधारित कथा की शुरुआत हुई। स्वामी गोविंद देवगिरी महाराज श्रोताओं को कथा सुना रहे हैं। योग भवन में कथा की शुरुआत से पहले उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किसी राजा का राज्याभिषेक नहीं था, बल्कि वह इतिहास का सर्वोत्तम स्वर्ण क्षण था। इसके बाद अगर कोई दूसरा स्वर्णिम क्षण आया है तो वह 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलीला की प्राण प्रतिष्ठा का क्षण था। स्वामी गोविंद देव ने कहा कि 15 वर्ष की आयु में शिवाजी ने हिंदू साम्राज्य की स्थापना के लिए प्रतिज्ञा ली इसके बाद अनेक प्रकार की आपदाओं की विपदाओं को झेलते हुए शत्रुओं से घिरे रहने पर भी युद्ध नीति का आश्रय लेते हुए शत्रुओं को हराया किया और 350 किलों की स्थापना की।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले देश में ऐसा कोई जिला नहीं था जिसमें गुरुकुल संचालित नहीं होते थे। 1818 से पहले भारत में 70 प्रतिशत लोग अत्यंत शिक्षित थे। अंग्रेजो ने अपनी शिक्षा नीति हम पर थोपकर भारत की गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर दिया।