साहित्य ही समाज का वास्तविक दर्पण – मुख्यमंत्री

साहित्य ही समाज का वास्तविक दर्पण – मुख्यमंत्री

ब्यूरो

Posted no : 03/03/2025

 

देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आई.आर.डी.टी सभागार में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ समारोह में प्रतिभाग कर विभिन्न साहित्यकारों और भाषाविदों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के सर्वाेच्च साहित्यिक सम्मान, उत्तराखण्ड साहित्य भूषण से सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंच उन सभी महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने और उत्तराखण्ड की संस्कृति को नई पहचान दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मक ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है, जहाँ विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। इसी राज्य से सुमित्रानंदन पंत जी ने देश-दुनिया को शब्दों के माध्यम से जोड़ा और शैलेश मटियानी जी को ‘पहाड़ का प्रेमचंद’ कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि साहित्य ही समाज का वास्तविक दर्पण होता है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी कवियों और रचनाकारों की सक्रिय भागीदारी रही थी। उत्तराखण्ड की स्थापना में भी लेखन और सृजन से जुड़े अनगिनत साहित्यकारों का योगदान रहा है। राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन हेतु साहित्यकारों को अनुदान भी दिया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को ₹01 लाख की सम्मान राशि प्रदान की है, इसे और विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखण्ड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 45 लेखकों को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

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